इस अंक में
शोध लेख
भील जनजाति की लोक -सांस्कृतिक चेतना : संध्या पांडेय
प्रतिरोध की संस्कृति : नुक्कड़ नाटक और महिलाएँ : सुप्रिया पाठक
आलेख
विष्णु के चौथे अवतार : भगवान नृसिंह : पृथ्वीसिंह बैनीपाल बिश्नोई
गरबा V/ S सांझी टेसू और झांझी ...: मंजू वशिष्ठ
श्रीरामकथा के अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंगः
भरतजी ही श्रीराम का प्रतिबिम्ब है : डॉ. नरेन्द्र कुमार मेहता
सुभाषी बनो, सुभाषी बनो : युद्धवीर टण्डन
कहानी
रात रानी का खिला हुआ चेहरा : रतन चंद ‘रत्नेश’
अरुण गमन : विनय कुमार शुक्ल
वहां तो बिजली ही नहीं है : डॉ . विकास कुमार
व्यंग्य
इक जंगला बने : अशोक व्यास
लघुकथा
लघुकथाएं:सिराज फ़ारुकी
पसंद : नज़्म सुभाष
चन्द्रेश छतलानी के लघुकथाएँ
सुमन सौरभ के लघुकथाएँ
गीत / ग़ज़ल/ नवगीत / कविता
मैं आपका आभारी हूं ... ( नवगीत ) : सृष्टि शर्मा
सविता वर्मा
केशव शरण की रचनाएं
मंजू राठी ( चार लाइनें )
करें मनुहार क्या कहिए ( ग़ज़ल ) : रागिनी स्वर्णकार (शर्मा)
कब तक सहूंगी प्रताड़ना ( कविता ) : सौरभ कुमार ठाकुर
सावित्री काला ( नवगीत )
हाशिये पर खडे लोग ( कविता ) सरोज यादव’ सरु’
हर एक जगह ...( गज़ल ) : जितेन्द्र सुकुमार ‘‘साहिर’’
वो जो आँखों से ...( गज़ल ) : डॉ. वीरेन्द्र पुष्पक
अब आसमाँ में चाँद ( गज़ल ) : हरिकांत त्रिपाठी
छोटी - छोटी कठिनाइयों से ( गज़ल ) : अलका गौड़
वो जो आँखों से .. : डॉ. वीरेन्द्र पुष्पक
रसखान
मोर दिल्ली गँवागे जी ( नवगीत ) : सुशील यादव
आओ कविता लिखें ( कविता ) : ज्ञानेन्द्र मोहन ज्ञान
अंकुर सहाय अंकुर के दोहे
ये महफिल हमारे ... ( कविता ) : सुमति श्रीवास्तव
वो जब से ... ( गज़ल ) : अमित ’ अहद’
रवीन्द्र कुमार की रचनाएँ
कोई तो रास्ता निकल जायेगा ( नवगीत ) : कृष्ण भारतीय
नफरतों की क्यों ( गजल ) : हरदीप बिरदी
यहां किस्सा है ( दो गजलें ) : अनिल ’ मानव’
बिट्टू उदास है ( कविता ) : दीपेश दुबे
अलका जैन ’सरर’ की चार गज़लें
शोध लेख
भील जनजाति की लोक -सांस्कृतिक चेतना : संध्या पांडेय
प्रतिरोध की संस्कृति : नुक्कड़ नाटक और महिलाएँ : सुप्रिया पाठक
आलेख
विष्णु के चौथे अवतार : भगवान नृसिंह : पृथ्वीसिंह बैनीपाल बिश्नोई
गरबा V/ S सांझी टेसू और झांझी ...: मंजू वशिष्ठ
श्रीरामकथा के अल्पज्ञात दुर्लभ प्रसंगः
भरतजी ही श्रीराम का प्रतिबिम्ब है : डॉ. नरेन्द्र कुमार मेहता
सुभाषी बनो, सुभाषी बनो : युद्धवीर टण्डन
कहानी
रात रानी का खिला हुआ चेहरा : रतन चंद ‘रत्नेश’
अरुण गमन : विनय कुमार शुक्ल
वहां तो बिजली ही नहीं है : डॉ . विकास कुमार
व्यंग्य
इक जंगला बने : अशोक व्यास
लघुकथा
लघुकथाएं:सिराज फ़ारुकी
पसंद : नज़्म सुभाष
चन्द्रेश छतलानी के लघुकथाएँ
सुमन सौरभ के लघुकथाएँ
गीत / ग़ज़ल/ नवगीत / कविता
मैं आपका आभारी हूं ... ( नवगीत ) : सृष्टि शर्मा
सविता वर्मा
केशव शरण की रचनाएं
मंजू राठी ( चार लाइनें )
करें मनुहार क्या कहिए ( ग़ज़ल ) : रागिनी स्वर्णकार (शर्मा)
कब तक सहूंगी प्रताड़ना ( कविता ) : सौरभ कुमार ठाकुर
सावित्री काला ( नवगीत )
हाशिये पर खडे लोग ( कविता ) सरोज यादव’ सरु’
हर एक जगह ...( गज़ल ) : जितेन्द्र सुकुमार ‘‘साहिर’’
वो जो आँखों से ...( गज़ल ) : डॉ. वीरेन्द्र पुष्पक
अब आसमाँ में चाँद ( गज़ल ) : हरिकांत त्रिपाठी
छोटी - छोटी कठिनाइयों से ( गज़ल ) : अलका गौड़
वो जो आँखों से .. : डॉ. वीरेन्द्र पुष्पक
रसखान
मोर दिल्ली गँवागे जी ( नवगीत ) : सुशील यादव
आओ कविता लिखें ( कविता ) : ज्ञानेन्द्र मोहन ज्ञान
अंकुर सहाय अंकुर के दोहे
ये महफिल हमारे ... ( कविता ) : सुमति श्रीवास्तव
वो जब से ... ( गज़ल ) : अमित ’ अहद’
रवीन्द्र कुमार की रचनाएँ
कोई तो रास्ता निकल जायेगा ( नवगीत ) : कृष्ण भारतीय
नफरतों की क्यों ( गजल ) : हरदीप बिरदी
यहां किस्सा है ( दो गजलें ) : अनिल ’ मानव’
बिट्टू उदास है ( कविता ) : दीपेश दुबे
अलका जैन ’सरर’ की चार गज़लें
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