सुशील यादव
नइ डूबय कोनो बाढ़ में डोंगा
हाथ मदद के बाढ़े रहय
सुख - दुःख म सकलावे जम्मों
मया कुतुब कस ठाड़े रहय
अब उजरे दया चिन्हारी
ममता कतेक चिथागे जी
मोर दिल्ली कती गँवागे जी
...
जिहां सुंता के नार चढ़े
जउन उन्नति के द्वार गढ़े
जेखर दाब दुनिया माने
जेला ग्यान के सागर जाने
ओखरे भीतिया बेधागे जी
मोर दिल्ली कती गँवागे जी
...
ऐरे - गैर मन राज करिन
अपन कोठी धन - धान भरिन
अपने हित ल साधे खातिर
सिधवा - सिद्ध बखान डरिन
तइहा - बेरा झट लुकागे जी
मोर दिल्ली कती गँवागे जी
...
चोरी - चकारी नइ होवै दिल्ली
पाँव - पखारे धोवै दिली
स्वागत बर पलक बिछइय्या
मनखे - मनखे रहे चिन्हैय्या
अपने - अपन कस निछागे जी
मोर दिल्ली कती गँवागे जी
...
अपजस के गुणगान करत हे
पीतल - सोना जान बिकत हे
बिकट समस्या हे डेरा डारे
मनुजता कॉपे डर के मारे
मन के बात करैया जानो
मन के कपाट ओधागे जी
मोर दिल्ली कती गँवागे जी
नइ डूबय कोनो बाढ़ में डोंगा
हाथ मदद के बाढ़े रहय
सुख - दुःख म सकलावे जम्मों
मया कुतुब कस ठाड़े रहय
अब उजरे दया चिन्हारी
ममता कतेक चिथागे जी
मोर दिल्ली कती गँवागे जी
...
जिहां सुंता के नार चढ़े
जउन उन्नति के द्वार गढ़े
जेखर दाब दुनिया माने
जेला ग्यान के सागर जाने
ओखरे भीतिया बेधागे जी
मोर दिल्ली कती गँवागे जी
...
ऐरे - गैर मन राज करिन
अपन कोठी धन - धान भरिन
अपने हित ल साधे खातिर
सिधवा - सिद्ध बखान डरिन
तइहा - बेरा झट लुकागे जी
मोर दिल्ली कती गँवागे जी
...
चोरी - चकारी नइ होवै दिल्ली
पाँव - पखारे धोवै दिली
स्वागत बर पलक बिछइय्या
मनखे - मनखे रहे चिन्हैय्या
अपने - अपन कस निछागे जी
मोर दिल्ली कती गँवागे जी
...
अपजस के गुणगान करत हे
पीतल - सोना जान बिकत हे
बिकट समस्या हे डेरा डारे
मनुजता कॉपे डर के मारे
मन के बात करैया जानो
मन के कपाट ओधागे जी
मोर दिल्ली कती गँवागे जी
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