दीपेश दुबे
बिट्टु उदास है
बहुत उदास
आज सुबह से
कल
उसकी गुड़िया का बियाह
हुआ रम्मो के गुड्डे संग
हुड़दंग पार्टी संग
बरात लेकर आयी थी रम्मो
ड्राइंग कक्ष में
बिट्टु ने बरातियों को बाँटे थे
चिप्स और चाकलेट
और फिर कुछ हुआ
और रम्मों के संग भिड़ गयी बिट्टु
खैर, बरातियों ने बात सुलटायी
और गुड़िया को मय दहेज लेकर
चली गयी रम्मो
और आज सुबह से उदास है
बिट्टु
बहुत उदास
बहुत देर बाद
पहुँचती है मम्मी के पास
..मम्मी बता मेरी गुड़िया को
वैसी ही सुन्दर रख पायेगी रम्मो?
मम्मी के हाथ सुन्न पड़ जाते हैं
छीलते आलू
और
दो मम्मियाँ
एक साथ सोचने लगती हैं
अपनी बेटियों के बारे में
संपादक
सुबह
साहित्य कुटीर
सूरजपुर ,छ.ग.497229
मो.7000723155
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