आलेख
घनानंद और प्रेम - जियाउर रहमान जाफरी
तमस और साम्प्रदायिकता - अजय चंद्रवंशी
परई मा पानी - सुशील भोले
डोमकच : एक भोजपुरी क्षेत्रिय लोकनाटय परम्परा - पदया मिश्रा
मंत्र विज्ञान - डां. साधना गुप्ता ' व्याख्याता '
कहानी
अनंत यात्रा - डां. दीनदयाल साहू
अहो, अब की पास कर गया - गोपेन्द्र कुमार '' गौतम ''
लघुकथा
बात जो दिल को छू गई - दीपिका गहलोत '' मुस्कान ''
गीत / गजल / कविता
जीवन - डां. सरला सिंह स्निग्धा
उम्मीदों का चराग जलाकर - मनोज राठौर '' मनुज ''
हम कैसे दुख सहें - गोपेन्द्र कुमार सिन्हा '' गौतम ''
अभी गंगा की लहरों में वजू की आरजू बाकी - जावेद आलम खान
उन परिन्दों का फिर खुदा नहीं - असीम आमगंवी
मैं कॉंच नहीं हूं - क्षितिज जैन
मुसाफिर छोड़ता है जब शहर - तान्या सिंह
किस्सों में न राजा न रानी चाहिए - डां. कृष्ण कुमारी '' कमसिन ''
तुमने देखा नहीं - सुमति श्रीवास्तव
कितने औपचारिक हो गये हम - डां. सुशील शर्मा
रोटियां दे : भाषणों से कब किसका पेट भरा है - लक्ष्मी प्रसाद बढ़ोनी
किसके होंठों पर हँसी है आजकल - जितेन्द्र सुकुमार '' साहिर ''
तुम चरण की रेख आज मुड़ कर देख लो - रश्मि मिश्रा
रख लेना उस पल को सहेज कर - अनिल ठाकुर
प्रेम -
डां.ऋतु त्यागी की रचनाएं
तेज रौशनी देते - सतीश '' बब्बा ''
अंतरीप - हरदीप सबरवाल
धीरे - धीरे ही सही - राज नवादवी
अनुपमा तिवारी की रचनाएं
दीवार पर टंगी तस्वीर - लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
अब की बेटियॉं - अर्चना व्दिवेदी
दिन चौपालों के - बृजनाथ श्रीवास्तव
मुझे देव बन जाना है - निधी नित्या
पुस्तक समीक्षा
नवगीत का स्त्री पक्ष - समीक्षक गणेश गम्भीर
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