डॉ. कृष्णा कुमारी ;कमसिन ‘
किस्सों में राजा न रानी चाहिए
जिंदगानी की कहानी चाहिए
दिल को थोड़ी ताज़गी महसूस हो
चीज कोई तो पुरानी चाहिए
लहलहा उट्ठेगी फसलें वक़्त पर
बीज को बस खाद- पानी चाहिए
झील, झरने, ताल, नदियां सब भले
किन्तु आँखों में भी पानी चाहिए
बाद मुद्दत के ये तन्हाई मिली
इक गजल तो गुनागुनानी चाहिए
दौड़ कर आयेंगे पंछी, देखना
छत पे दाना और पानी चाहिए
भर नजर देंखूं में अपने आप को
कोई ‘कमसिन’ अपना सानी चाहिए
कृष्णा कुमारी ‘कमसिन”
सी -368 , तलवंडी , कोटा -5 (राज .).
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