सतीश "बब्बा"
तेज रौशनी देते,
काँच के उस बल्ब से हैं,
मेरी जिंदगी के पल,
जलता जो निर्भय होकर!
उसे पता है कि कब हो,
जाएगी फ्यूज ये तार,
फिर भी जल जल कर,
रौशनी देता निःस्वार्थ!
खुद जलना ही जिंदगी,
है मेरी, मेरे आका,
सबसे उम्दा जीवन है,
जो दर्द बाँटे सभी का!
नहीं मालूम कब, कैसे,
फ्यूज हो जाए ये तार,
फिर खत्म हो जाएगा,
सबकुछ यह निश्चित है यार!
"बब्बा" कहे कर रौशन,
जहाँ तक हो सके तुझसे,
फ्यूज होते ही फेंक देंगे सभी,
जो स्वार्थ में प्यार करते तुझसे!!
ग्राम + पोस्टाफिस = कोबरा,
जिला - चित्रकूट, उत्तर - प्रदेश, पिनकोड - 210208.
📱 9451048508, 9369255051.
ई मेल - babbasateesh@gmail.com
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