जितेंद्र सुकुमार '' साहिर ''
शायर
किसके होठों पर हँसी है आजकल।
सहमा - सहमा आदमी है आजकल।।
दहशतों के शोर में खामोशी सी,
जाने कितनी ज़िंदगी है आजकल।।
तीरगी का पहरा सा है हर तरफ़
कैद जैसे रोशनी है आजकल।।
सोचकर रखना कदम इस राह में,
जानलेवा दिल्लगी है आजकल।।
होश में रहना किसे हैं, है भी कौन,
बेखुद ही बेखुदी है आजकल।।
ये नुमाइश का ज़माना है मियाँ
हाशिए में सादगी है आजकल।।
पता
उदय आशियाना चौबेबांधा (राजिम )
पोस्ट बरोंडा जिला गरियाबंद (छत्तीसगढ़ )493885
व्हाट्सएप नंबर 90091 87981
मोबा.- 9827345298
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