इस अंक में
आलेख
प्रेमचंद का महत्व और उनकी प्रासंगिकता
: वीणा भाटिया
कहानी
रजनीगंधा : पद्या मिश्रा
नई भोर : विनीता शुक्ला
पितर : रमाशंकर शुक्ल
अम्बो अब शांत है : स्नेह गोस्वामी
बरसात (अनुवाद) डॉ. रानू मुखर्जी
पलटवार : पुष्पा तिवारी
लघुकथा
अमावस के अंधेरे में : मोती प्रसाद साहू
व्यंग्य
हम हिन्दी वाले : दिलीप कुमार
योजना बहिन जी : वीरेन्द्र ’ सरल’
बाल कथा
ईमानदारी का ईनाम : कल्पना
कविता/ गीत/ गजल
कविताः
दहेज : माधव गणपत शिंदे
रजत सान्याल की कविताएं
कुछ दिन : मृदुला सिन्हा
अमन चाँदपुरी के दोहे
कभी अक्षर की खेती करता : विश्वम्भर पाण्डेय
अरविन्द यादव की रचनाएँ
चोवाराम’ बादल’ की गीतिकाएं :
कान्हा : डॉ. सरला सिंह स्निग्धा
कृष्ण सुकुमार की कविताएं
छा गई एक करुणा की : मनोरमा सिंह
गज़ल :
उठाकर गम गरीबों के : बलजीत सिंह ’ बेनाम’
केशव शरण की दो गज़लें
कभी होते थे जो बस : धर्मेन्द्र गुप्त ’ साहिल’
सकून : इन्द्रा रानी
तुम नई राहें : ओंकार सिंह
नज्म सुभाष की गज़लें
ख्वाब आंखों में मेरी -गीता गुप्त 'मन '
क्या क्या न कागजों में : मनोज राठौर ’ मनुज’
एक नई रचना : सी.बी. वर्मा
श्लेश चन्द्राकर की गजलें
नवगीतः
विश्वनाथ इतिहास : डॉ. अंशु सिंह
सागर की ख़ामोशी : रीता गौतम
पुस्तक समीक्षा
असमानता के विरुद्ध अघोषित युद्ध है ’ तो सुनो’ समीक्षक : नरेन्द्र बाल्मीकि पीएचडी शोधार्थी /
(गीत संग्रह )
साहित्यिक, साँस्कृतिक, गतिविधियाँ
दिव्य पुरस्कार हेतु पुस्तकें आमंत्रित समाचार
आलेख
प्रेमचंद का महत्व और उनकी प्रासंगिकता
: वीणा भाटिया
कहानी
रजनीगंधा : पद्या मिश्रा
नई भोर : विनीता शुक्ला
पितर : रमाशंकर शुक्ल
अम्बो अब शांत है : स्नेह गोस्वामी
बरसात (अनुवाद) डॉ. रानू मुखर्जी
पलटवार : पुष्पा तिवारी
लघुकथा
अमावस के अंधेरे में : मोती प्रसाद साहू
व्यंग्य
हम हिन्दी वाले : दिलीप कुमार
योजना बहिन जी : वीरेन्द्र ’ सरल’
बाल कथा
ईमानदारी का ईनाम : कल्पना
कविता/ गीत/ गजल
कविताः
दहेज : माधव गणपत शिंदे
रजत सान्याल की कविताएं
कुछ दिन : मृदुला सिन्हा
अमन चाँदपुरी के दोहे
कभी अक्षर की खेती करता : विश्वम्भर पाण्डेय
अरविन्द यादव की रचनाएँ
चोवाराम’ बादल’ की गीतिकाएं :
कान्हा : डॉ. सरला सिंह स्निग्धा
कृष्ण सुकुमार की कविताएं
छा गई एक करुणा की : मनोरमा सिंह
गज़ल :
उठाकर गम गरीबों के : बलजीत सिंह ’ बेनाम’
केशव शरण की दो गज़लें
कभी होते थे जो बस : धर्मेन्द्र गुप्त ’ साहिल’
सकून : इन्द्रा रानी
तुम नई राहें : ओंकार सिंह
नज्म सुभाष की गज़लें
ख्वाब आंखों में मेरी -गीता गुप्त 'मन '
क्या क्या न कागजों में : मनोज राठौर ’ मनुज’
एक नई रचना : सी.बी. वर्मा
श्लेश चन्द्राकर की गजलें
नवगीतः
विश्वनाथ इतिहास : डॉ. अंशु सिंह
सागर की ख़ामोशी : रीता गौतम
पुस्तक समीक्षा
असमानता के विरुद्ध अघोषित युद्ध है ’ तो सुनो’ समीक्षक : नरेन्द्र बाल्मीकि पीएचडी शोधार्थी /
(गीत संग्रह )
साहित्यिक, साँस्कृतिक, गतिविधियाँ
दिव्य पुरस्कार हेतु पुस्तकें आमंत्रित समाचार
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