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(1) .
इस भारत भू में वीरों की, अनुपम अमिट कहानी है।
जिनके अद्भुत रन कौशल की, नहीं जगत में शानी है।
वीर शिवाजी राणा सांगा, जिनसे बैरी थर्राया,
चातक वाला उस प्रताप का, किस्सा नहीं पुरानी है।
मर्यादा का पालन करते,यहाँ लोग भोले भाले,
घर - घर में बेटा राम सरीखा, माँ कौशिल्या रानी है।
ज्ञान ज्योति फैलाती जग में,चार वेद सद ग्रंथ जहाँ,
सूरदास तुलसी मीरा की, कविता याद जुबानी है।
महानदी कृष्णा कावेरी, है सतलज ताप्ती चंबल,
ताप श्राप का शमन करे जो, गंगाजल की पानी है।
चारों धाम अयोध्या मथुरा, गौहाटी मैहर काशी,
महानगर बाम्बे कलकत्ता,दिल्ली शहर पुरानी है।
दादा दादी चाचा चाची, मामा मामी रिश्ते नाते,
माता पिता बुआ फुफा जी, ममता वाली नानी है।
( 2 )
जरा सोच लो क्या भीतर कमी है।
आंखों में शोला है या कि नमी है।
किसको गिराया है किसको उठाया,
कब - कब ये बाहें सहारा बनी है।
ठलना ही होगा उसको एक दिन,
सूरज गगन में जो चमका अभी है।
नाहक मुझे क्यों दी उसने गाली,
लगती है गोरी पगली बड़ी है।
सच में गरीबी है जी बीमारी,
कानून की फाँसी इसे ही कसी है।
चोवा राम बादल
हथबन्द ( छ. ग )
मो: 09926195747
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