आलेख
भारत में लोक साहित्य का उद्भव और विकास
: डॉ. सुशील शर्मा
कहानी
कमीजें : कारेल चापेक (चेक कहानी)
वह सभ्य इंसान : डॉ. विभाष मिश्र
व्यंग्य
लघुकथा
गीत/ ग़ज़ल / कविता
मैं अपने लहू से तेरे पग धोऊंगी : (कविता)शालिनी सिंह
तुम किसी सरगम सी लगती हो :(गज़ल) शेखर
मौत तांडव मचा रहीः (ग़ज़ल) जितेन्द्र सुकुमार’ साहिर’
चलो गाँव हमारे : (नवगीत) जय प्रकाश भाटिया ’ सागर’
साजन बिना खुदा : (गज़ल)ः सुमन जैन ’ सत्यगीत’
ये नेता आज के भगवान है : (गज़ल) वीरेन्द्र खरे ’ अकेला’
उपन्यास
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