मन
जब खुशहाल किसान रहेगा
तभी तरक्की देश करेगा
अन्न उगेगा जब खेतों में
पेट हमारा तभी भरेगा
सारी सरकारें थीं सोई
अब सुध लेने वाला कोई
निर्णय तेरे हित में लेगा
नहीं तुम्हें अब मरने देगा
तुम्हें विरोधी भड़कायेंगे
दंगे तुमसे करवायेंगे
गलत नहीं तुम करना कुछ भी
माफ न वरना देश करेगा
कुछ तो अपने मन की सुनना
हित में हो तब ही कुछ करना
नहीं लगाना आग देश में
’ जय किसान’ फिर कौन कहेगा
जब खुशहाल किसान रहेगा
तभी तरक्की देश करेगा
अन्न उगेगा जब खेतों में
पेट हमारा तभी भरेगा
सारी सरकारें थीं सोई
अब सुध लेने वाला कोई
निर्णय तेरे हित में लेगा
नहीं तुम्हें अब मरने देगा
तुम्हें विरोधी भड़कायेंगे
दंगे तुमसे करवायेंगे
गलत नहीं तुम करना कुछ भी
माफ न वरना देश करेगा
कुछ तो अपने मन की सुनना
हित में हो तब ही कुछ करना
नहीं लगाना आग देश में
’ जय किसान’ फिर कौन कहेगा
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