विजेन्द्र कुमार वर्मा
इंसाफ़ काग़ज़ों में ही सिमट गया,
फ़ैसले बिक गए दाम लगाने के बाद।
सच बोलना यहाँ गुनाह हो गया,
सलीबें मिलीं सच बताने के बाद।
कुर्सी की ख़ातिर सब कुछ जायज़ है,
क़ानून झुके हाथ मिलाने के बाद।
भूखों की चीखें सुनाई न दीं,
नारे गूँजे थाली बजाने के बाद।
जनता को सपनों का सौदा मिला,
हक़ छीने गए हाथ उठाने के बाद।
जो पूछ बैठे सवाल हुक्मरानों से,
वो गुम हुए फ़ाइलें बनाने के बाद।
मज़लूम की आह में असर क्या होता,
जब अदालतें सो जाएँ ज़माने के बाद।
"विजय" अब लफ़्ज़ भी डरते हैं यहाँ,
कलम टूटी सच लिख जाने के बाद।
सलीबें=पीड़ा का प्रतीक,कष्ट।
मजलूम=पीड़ित,दबाया हुआ व्यक्ति।
नगरगाँव (धरसीवांँ)
फ़ैसले बिक गए दाम लगाने के बाद।
सच बोलना यहाँ गुनाह हो गया,
सलीबें मिलीं सच बताने के बाद।
कुर्सी की ख़ातिर सब कुछ जायज़ है,
क़ानून झुके हाथ मिलाने के बाद।
भूखों की चीखें सुनाई न दीं,
नारे गूँजे थाली बजाने के बाद।
जनता को सपनों का सौदा मिला,
हक़ छीने गए हाथ उठाने के बाद।
जो पूछ बैठे सवाल हुक्मरानों से,
वो गुम हुए फ़ाइलें बनाने के बाद।
मज़लूम की आह में असर क्या होता,
जब अदालतें सो जाएँ ज़माने के बाद।
"विजय" अब लफ़्ज़ भी डरते हैं यहाँ,
कलम टूटी सच लिख जाने के बाद।
सलीबें=पीड़ा का प्रतीक,कष्ट।
मजलूम=पीड़ित,दबाया हुआ व्यक्ति।
नगरगाँव (धरसीवांँ)
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