मुरारी लाल साव
खच्चखच ले हाल भरे रहिस l
बड़का आदमी आये रहीस l बड़े -बड़े मैनखे मन मंच म बइठे रहिन l खालहे म सब कार्य कर्ता मन हाथ ला उठावत सुनत रहिन l
बड़े -बड़े गोठ होवत रहिस l
नदिया म पानी रहे चाहे झन रहे इंखर बानी ला सुनके अइसे लगत रहीस इहाँ पूरा आगे हें l
एके बात म निर्णय होना रहिस उही बेरा चेंदवा मुड़ी के एक झन आदमी खड़े होके कहिथे -" झोला दें घूम घूम के चंदा उही म लाना हे l"
खालहे म बइठे मन के बीच खलबली मच गे l
कुकुर मन कस दाँत खिसोर के गुर्राना एक दूसर के मुड़ी हाथ ला धरी के धरा होना शुरू होगे l जेन ला झोला के जिम्मेदारी मिलथे ओकर रुतबा बाढ़ जथे l पलटी मार पलटू ला मिलगे l
जगतु के जी कचौवट रहिगे l
'राम रमायेन तिहाँ,कुकुर कटा येन l '
एके बात म निर्णय होना रहिस उही बेरा चेंदवा मुड़ी के एक झन आदमी खड़े होके कहिथे -" झोला दें घूम घूम के चंदा उही म लाना हे l"
खालहे म बइठे मन के बीच खलबली मच गे l
कुकुर मन कस दाँत खिसोर के गुर्राना एक दूसर के मुड़ी हाथ ला धरी के धरा होना शुरू होगे l जेन ला झोला के जिम्मेदारी मिलथे ओकर रुतबा बाढ़ जथे l पलटी मार पलटू ला मिलगे l
जगतु के जी कचौवट रहिगे l
'राम रमायेन तिहाँ,कुकुर कटा येन l '
फ़ेर चेंदवा मैनखे कहिस -" चंदा भरे -धरे बर नोहय झोला ह, ...एमा तो
फूल भर के लाना हे l
'कुकुर कटायेन बंद करो l बस खांव -खांव तुंहर मन के l थोकिन धीर धरे राखे करव l "
थोकून रुक के फेर कहिस -
"बस तुमन उल्टा सोचत रहिथव
मया पाये बर फूल बरसाओ l
बड़े बड़े गज़माला पहिनाओ l "
अतका सुन हाल म शान्ति छागे l जगतु मने मन कहिस
बारा आना गये पाकिट म l
खा पी के उड़ाही काला धराही l पलटू दिही खाली झोला?
फूल भर के लाना हे l
'कुकुर कटायेन बंद करो l बस खांव -खांव तुंहर मन के l थोकिन धीर धरे राखे करव l "
थोकून रुक के फेर कहिस -
"बस तुमन उल्टा सोचत रहिथव
मया पाये बर फूल बरसाओ l
बड़े बड़े गज़माला पहिनाओ l "
अतका सुन हाल म शान्ति छागे l जगतु मने मन कहिस
बारा आना गये पाकिट म l
खा पी के उड़ाही काला धराही l पलटू दिही खाली झोला?
कुम्हारी
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