राज साहू
आवय सावन झूम के, खुश होवय सब जीव।
राग ददरिया गीत मा, रखय किसानी नीव।।
हरियर-हरियर रूख हे, हरियर चारो ओर।
सावन के स्वागत करत, नाचत वन मा मोर।।
करिया बादर संग मा, पानी के बौछार।
पावन पबरित माह मा, सींचय अमरित धार।।
लाल चिरइया, सेवती, फूले सुघ्घर फूल।
महके भुइया अंगना, इत्तर गेहे घूल।।
नदियाँ नरवा भरत हे, पानी बरसत जोर।
टर्रावत हे मेचका, झींगुर करथे शोर।।
चूहत हे छानी खदर, झड़ी करत दिन रात।
भजिया रोटी रांध के, खावव ताते तात।।
मोरा ओढ़े खार मा, दाई गाये गीत।
खुमरी पहिरे खेत मा, करय बियासी मीत।।
सावन में जाथे सबो, महादेव के धाम।
गाँव गली काँवर धरे, बोलय शंभु नाम।।
बेल धतूरा फर चढ़े, चढ़थे नरियर पान।
हाथ जोड़ सुमरन करे, पाथे वो वरदान।।
नदिया नरवा बाढ़गे, हाक परत हे रोज।
पानी खुसरय गाँव मा, जगा ठोसहा खोज।।
उबुक-चुबुक होवत गली, डूबय कतको जान।
पानी-पानी हे दिखत, दया करव भगवान।।
६२६३२३२१४३
नगर पंचायत समोदा
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