सुषमा सिंह चुण्डावत ’ शोधार्थी’
- क्या हुआ भाई, मूड़ क्यों खराब है तेरा?
- यार, इस बार लॉकडाउन की वज़ह से शादियों, उत्सव में धमाल करने को नहीं मिला।
- हाँ, सच कहा तुमने। ऐसा कोई मौका होता तो सोमरस पी कर नाचने, पटाखे फोड़ने, हुडदंग करने में कितना मज़ा आता था! अब तो सब पर रोक लगी हुई है।
- मेरे पास तो पटाखों का स्टॉक बचा हुआ है, समझ नहीं आ रहा, क्या करूं। पड़े - पड़े खराब हो जाएंगें और ऐसे ही फोड़ दे तो उसमें मज़ा ही क्या!
तभी उनकी नज़र सामने से आ रही एक आकृति पर जा टिकी और वे एक - दूसरे की तरफ अर्थपूर्ण दृष्टि से देखते हुए मुस्कुरा दिये।
तीन दिन बाद समाचार - पत्रों में ख़बर छपी थी - कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा एक गर्भवती हथिनी को पटाखों से भरा अन्नानास खिलाया गया । तीन दिन के संघर्ष उपरांत हथिनी की हुई मृत्यु!
- यार, इस बार लॉकडाउन की वज़ह से शादियों, उत्सव में धमाल करने को नहीं मिला।
- हाँ, सच कहा तुमने। ऐसा कोई मौका होता तो सोमरस पी कर नाचने, पटाखे फोड़ने, हुडदंग करने में कितना मज़ा आता था! अब तो सब पर रोक लगी हुई है।
- मेरे पास तो पटाखों का स्टॉक बचा हुआ है, समझ नहीं आ रहा, क्या करूं। पड़े - पड़े खराब हो जाएंगें और ऐसे ही फोड़ दे तो उसमें मज़ा ही क्या!
तभी उनकी नज़र सामने से आ रही एक आकृति पर जा टिकी और वे एक - दूसरे की तरफ अर्थपूर्ण दृष्टि से देखते हुए मुस्कुरा दिये।
तीन दिन बाद समाचार - पत्रों में ख़बर छपी थी - कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा एक गर्भवती हथिनी को पटाखों से भरा अन्नानास खिलाया गया । तीन दिन के संघर्ष उपरांत हथिनी की हुई मृत्यु!
जिला - उदयपुर, (राजस्थान)
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