रामकिशन शर्मा
फिर भी उम्मीद का दामन छोड़ा नहीं अब तक मैंने
दिल मेरा कहता है कि वक़्त, फिर तुम्हारा आयेगा |
हसरत भरी नज़रों से देखता हार गलों में डलते हुए
सोचता हूँ कि एक दिन,नाम मेरा भी पुकारा जायेगा |
रहा गर्दिशों में ही हरदम मेरी भावनाओं का सितारा
देखना है मुझ को भी कब तक,इन्हें नकारा जायेगा |
वक़्त ने ही पहुंचाई चोटें वक़्त ही मरहम पट्टी कर रहा
बिगड़ गया जो अब तक, वक़्त द्वारा संवारा जायेगा |
डूब जाने की बात मत कर ध्यान तैरने पे अपना लगा
भगवान ने चाहा तो ये तूफां भी, कर किनारा जायेगा |
मज़े में कट रहा सफर जिंदगी का साथ में है हमसफ़र
क्या पता किस मोड़ पे आ के,साथ छूट हमारा जायेगा |
झूठ मक्कारी धोखा फरेब खरीद फरोख्त सब ही जायज
सत्ता में आ जाने के लिये जाने,क्या क्या हारा जायेगा |
वोटों की ओछी राजनीती ने दीं कर नफ़रत की दीवारें खड़ी
गंगा जमुनी तहजीब का वो ज़माना अब न यारा आयेगा |
मायूस क्यों होता तू 'शर्मा 'कोई पूछता नहीं ग़र तुझ को
कोई भी नहीं जानता, कब जाग किस का सितारा जायेगा |
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