- हरप्रसाद ' निडर'
नये साल का बेला है।
लल्लू अजगर मस्त पड़ा है, पीकर गंदी नाली में।
उल्लू खूब नहा रहा है, गंदी - गंदी गाली में॥
नया साल झमेला है।
दास गरीबा खोज रहा है, बासी घर की हाड़ी में।
अमीर ऐयाशी में लपटाया है, रंडी की साड़ी में॥
नया साल रंगरेला है।
गोवा में नेता जी पीकर, मटक रहा है बार में।
बेटा चिलम खींच रहा है नाईनटी की रफ्तार में॥
नया साल रसेला है।
चोर फटाका फोड़ रहा है, चढ़ ऊँची दीवार पर।
सिपाही भी झाँक रहा है, बैठे - बैठे द्वार पर॥
नया साल का चेला है।
जुआड़ी है खेल रहा, नये साल की दांव में।
साहूकार भी बांट रहा है, दस सैकड़ा भाव में॥
नया साल का मेला है।
युवक - युवती नाच रहे हैं, देखो दरिया पार में।
खूब मदिरा बंट रही है, पंचों के दरबार में॥
नया साल अलबेला है।
पता - गटटानी कन्या शाला के सामने
अकलतरा रोड, जांजगीर (छग.)
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