एक समय की बात है एक औरत अपने छोटे से घर में अपने दो बच्चों के साथ रहा करती थी वह बहुत ही गरीब थी। वे इतनी गरीब थे कि उन्हें खाने पीने के लिए भी बहुत संघर्ष करना पड़ता था कभी-कभी तो उन्हें भूखे पेट ही सो जाना पड़ता। ऐसे में वह औरत रोज रात को आसमान की ओर देखकर एक ही बात कहती कि काश हमारी जिंदगी सुधर जाए और हम सब अच्छे से रहने लगे। और उनके साथ ऐसा हुआ भी। एक रात वहां से एक परी गुजर रही थी और उस परी ने उस औरत की दुर्दशा देखी और उसकी बातों को ध्यान से सुना।
उसे सुनकर उस परी को दया आ गई और परी ने उस औरत को एक पेड़ दिया और उसे कहा कि इस पेड़ में से जब कभी भी कोई पता नीचे गिरेगा वह सोने का बन जाएगा। उस सोने को तुम बाजार में बेचकर पैसे ला सकती हो और अपने घर को खुशी-खुशी चला सकते हो।
उसे सुनकर उस परी को दया आ गई और परी ने उस औरत को एक पेड़ दिया और उसे कहा कि इस पेड़ में से जब कभी भी कोई पता नीचे गिरेगा वह सोने का बन जाएगा। उस सोने को तुम बाजार में बेचकर पैसे ला सकती हो और अपने घर को खुशी-खुशी चला सकते हो।
यह सब होता देखो औरत बहुत ही खुश हुई। अब उसके हालात पहलें से सुधर चुके थे। अब उसे और उसके बच्चों को जी भरकर खान भी मिलता।
वह औरत उस पेड़ का अच्छे से खयाल रखने लगी और समय पर उसे सोना मील जाता। धीरे-धीरे पेड़ उन्हें ज्यादा पत्तियाँ देने लगा। ऐसे मे वें ओर भी अमीर होते चले गए।
लेकिन, उस औरत की लालच बढ़ती चली गई ओर उसने सोचा की क्यो ना पूरी पत्तियों को एक साथ निकालकर बेच आती हूँ इससे रोज़-रोज़ का का कोई झंझट नही होगा ओर पैसे हमारे पास एक साथ आ जायेंगे। उस औरत ने ऐसा ही किया। औरत ने पेड़ के सारे पत्ते निकाल लिए और फिर वह पत्तों को सोने मे बदले का इन्तज़ार करने लगी। समय बिता लेकिन पत्ते सुख गए और ऐसे ही रह गए।
अब पेड़ भी सुख गया और औरत के पैसे धीरे-धीरे खतम होने लगे। कुछ महिनो पश्चात महिला वापस गरीब हो गए। अब उसकी हालात पहले जैसे हो चुकी थी।
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