उम्मीद का गीत .
उर्मिला उर्मी
फिर हंसी सजेगी अधरों पर
भीगे दृग फिर मुस्काएँगे
इक बुरे स्वप्न की यादों से
ये काले दिन रह जाएंगे ।
आएंगे ! अच्छे दिन ज़रूर आएंगे ।
भीगे दृग फिर मुस्काएँगे
इक बुरे स्वप्न की यादों से
ये काले दिन रह जाएंगे ।
आएंगे ! अच्छे दिन ज़रूर आएंगे ।
इन झंझावातों को
अब थमना ही होगा,
ये आहें ये उच्छ्वास
नही रह जाएंगे,
प्राची में अब दिनमान
चमकने वाला है
उस ताप से ये
संताप सभी दह जाएंगे।
वसुधा को फिर से
नवजीवन मिल जाएगा
डालों पर बैठे पक्षी नगमें गाएंगे ।
ये जो नीरव सी चुप्पी
छाई अधरों पर,
देखो !अब उसके दिन
बस फिरने वाले हैं,
हम वही मनुज हैं
जिसने रोके प्रलय वलय
हम फिर धरती का
भाग्य बदलने वाले हैं,
धीरे -. धीरे ही सही
मगर सब बदलेगा,
हम मानवता से अपना वचन निभाएंगे ।
धीरे -. धीरे ही सही
मगर सब बदलेगा,
हम मानवता से अपना वचन निभाएंगे ।
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