बिहारी साहू सेलोकर
सून री बावरी तेरे मेरे,सात जन्मो का बंधन है
मेरे तो हर अन्न धन्न अब तेरे लिऐ ही अर्पण है
सून री बावरी तेरे मेरे सात जन्मों का बंधन है
मेरे सूखी डाली मे तूम ने हरियाली भर दिया
तूमने आकर मेरे ऑगन को रौशन कर दिया
तेरे ही नाम का अब मेरे मस्तक पर चंदन है
सून री बावरी तेरे मेरे सात जन्मो का बंधन है
तेरे हीं आने से मेरे दरिद्रता दूर हो गई
गम के अंधेरो को दूर करके सपने नया संजो गई
तूम जैसी लच्छमी को पाकर ,मेरे जीवन धन्य धन्य है
सून री बावरी तेरे मेरे सात जन्मो का बंधन है
तेरी एक हंसी से बस प्रेम की रस टपकती है
मेरे अंधेरे घर भी अब स्वर्ग जैसी लगती है
तेरे साथ तो मिलना जैसे सात नदियों का संगम है
सून री बावरी तेरे मेरे सात जन्मों का बंधन है
कदम से कदम मिलाकर हमको,जीवन भर यूंही चलना है
चाहे लाखो जीवन मे विपत्तियॉ फिर भी नही बिखरना है
कदम बढाओ पीछे ना हटो,आपका हार्दिक अभिनंदन है
सून री बावरी तेरे मेरे सात जन्मों का बंधन है
इतनी खूबियॉ है तूझमे ,और कितना बतलाऊं
एक जनम और सात जनम क्या,जनम जनम तूझे पाऊं
तूम्हे छोड और किसे देखूं,तूम्हीं तो मेरी दर्पण है
सून री बावरी तेरे मेरे सात जन्मों का बंधन है
मेरे तो हर अन्न धन्न अब तेरे लिऐ ही अर्पण है
सून री बावरी तेरे मेरे सात जन्मों का बंधन है
ग्राम धारिया छूईखदान
पोष्ट पदमावतीपूर जिला राजनॉदगॉव छत्तीसगढ
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