चंद्र मोहन किस्कू
दूसरों से
लड़ने से पहले
खुद से ही लड़ना चाहिए
मन की अँधेरी कोठरी में
संक्रीण और गन्दी गली में
जो बुरा विचार फल -फूल रहा है
उसके खिलाफ ही
पहले लड़ने की जरुरत है
जो काला और गन्दा सपना
मन की परती जमीन पर
किसी जंगली पेड़ की तरह
सर ऊँचा कर खड़ा हो रहा है
पहले उसका सर ही
धड़ से अलग करने की जरुरत है
पुरानी हथियार पर
जो जंग लग रही है ,सड़ रही है
गुस्सा,हिंसा और ईर्षा की तरह
पहले उसे ही ख़त्म करने की जरुरत है
धालभूमगढ़ ,पूर्व सिंहभूम ,झारखण्ड
मोबाइल-9732939088
kiskurapaj1989@gmail.com
लड़ने से पहले
खुद से ही लड़ना चाहिए
मन की अँधेरी कोठरी में
संक्रीण और गन्दी गली में
जो बुरा विचार फल -फूल रहा है
उसके खिलाफ ही
पहले लड़ने की जरुरत है
जो काला और गन्दा सपना
मन की परती जमीन पर
किसी जंगली पेड़ की तरह
सर ऊँचा कर खड़ा हो रहा है
पहले उसका सर ही
धड़ से अलग करने की जरुरत है
पुरानी हथियार पर
जो जंग लग रही है ,सड़ रही है
गुस्सा,हिंसा और ईर्षा की तरह
पहले उसे ही ख़त्म करने की जरुरत है
धालभूमगढ़ ,पूर्व सिंहभूम ,झारखण्ड
मोबाइल-9732939088
kiskurapaj1989@gmail.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें