इस अंक के रचनाकार

इस अंक के रचनाकार आलेख खेती-किसानी ले जुड़े तिहार हरे हरेलीः ओमप्रकाश साहू ' अंकुर ' यादें फ्लैट सं. डी 101, सुविधा एन्क्लेव : डॉ. गोपाल कृष्ण शर्मा ' मृदुल' कहानी वह सहमी - सहमी सी : गीता दुबे अचिंत्य का हलुवा : राजेन्द्र प्रसाद काण्डपाल एक माँ की कहानी : हैंस क्रिश्चियन एंडर्सन अनुवाद - भद्रसैन पुरी कोहरा : कमलेश्वर व्‍यंग्‍य जियो और जीने दो : श्यामल बिहारी महतो लधुकथा सीताराम गुप्ता की लघुकथाएं लघुकथाएं - महेश कुमार केशरी प्रेरणा : अशोक मिश्र लाचार आँखें : जयन्ती अखिलेश चतुर्वेदी तीन कपड़े : जी सिंग बाल कहानी गलती का एहसासः प्रिया देवांगन' प्रियू' गीत गजल कविता आपकी यह हौसला ...(कविता) : योगेश समदर्शी आप ही को मुबारक सफर चाँद का (गजल) धर्मेन्द्र तिजोरी वाले 'आजाद' कभी - कभी सोचता हूं (कविता) : डॉ. सजीत कुमार सावन लेकर आना गीत (गीत) : बलविंदर बालम गुरदासपुर नवीन माथुर की गज़लें दुनिया खारे पानी में डूब जायेगी (कविता) : महेश कुमार केशरी बाटुर - बुता किसानी/छत्तीसगढ़ी रचना सुहावत हे, सुहावत हे, सुहावत हे(छत्तीसगढ़ी गीत) राजकुमार मसखरे लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की रचनाएं उसका झूला टमाटर के भाव बढ़न दे (कविता) : राजकुमार मसखरे राजनीति बनाम व्यापार (कविता) : राजकुमार मसखरे हवा का झोंका (कविता) धनीराम डड़सेना धनी रिश्ते नातों में ...(गजल ) बलविंदर नाटक एक आदिम रात्रि की महक : फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी से एकांकी रूपान्तरणः सीताराम पटेल सीतेश .

सोमवार, 6 जनवरी 2020

विचारधारा की लड़ाई

अभिषेक राज शर्मा


         नेताजी का चुनाव चल रहा था भाषणबाजी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा था,
नेताजी अपने निर्वाचन क्षेत्र में जगह-जगह विपक्ष को कोस रहे थे।
         कुछ टीवी समाचार वालों ने सोचा क्यों नहीं अमेरिका की तरह यहां पर डायरेक्ट प्रत्याशीयो का डिबेट हो जाए तो कितना अच्छा रहता।
         एक बड़े मैदान में मंच लगा वहां पर तमाम नेता और लोग का जमावड़ा हो गया।
हां आज क्षेत्र के माननीय विधायक जी और कुछ विपक्ष के नेता एकत्रित हुए हैं हम उनसे क्षेत्र के मूलभूत समस्या शिक्षा, बेरोजगारी एवं स्वास्थ्य सेवाओं पर चर्चा करेंगे
         वर्तमान विधायक"हमने अपने क्षेत्र की चौमुखी विकास के लिए एक सपना देखा था मगर विपक्ष की साजिश देखो मुझे सपना देखने भी नहीं देती, मुझ समाजसेवी नेता पर पानी के छींटे मारकर जगा देती है।
मैंने सपना देखा कि आप सबका विकास हो रहा है आप सबको सभी सुविधा मिल रहे हैं मगर इस सपना देखते देखते मेरा 5 वर्ष गुजर गया अब मैं जाग गया हूं,
         आप सभी मुझे अपना बहुमूल्य वोट देने की कृपा करें जिससे मैं पुन: विजय होकर अपने सपने को साकार करके आप सभी का विकास करना चाहता हूं विपक्ष को धूल चटा दो।
उधर विपक्ष वाले
          महोदय आप सब बताइए
         उनके सपने में हम लोगों ने कोई खलल भी नहीं डाला वो 5 साल तक दिल्ली में पड़े हुए थे, कभी उन्होंने पलटकर अपने निर्वाचन क्षेत्र में देखा भी नहीं बड़े-बड़े चुनाव में उनकी बड़ी-बड़ी बोली लगती थी बड़े फाइव स्टार होटलों में बड़े-बड़े बैग में बड़ी-बड़ी नोट देखने को जिसे मिले सच में जिसको क, ख, ग नहीं आए
वह राजा की जिंदगी जीने लगे
          - उसे पूरा 5 वर्ष सपना ही सपना लगेगा।
अरे कल तक वह दुबला पतला डांगर सा हड्डी लगता था मगर 5 साल की सत्ता की मलाई में देखो कैसे मोटा ताजा हो गया।
          - अरे विकास तो उसका हुआ है पहले 2 मीटर कपड़ा लगता लेकिन अब साढे. 3 मीटर का लगने लगा l
वर्तमान विधायक" विपक्ष कितनी घटिया हो गई है वोट के राजनीति के लिए कितना गिरेगी।
          - अरे भाई मेरे शरीर पर मेरे भोजन पर मेरे निजी जिंदगी पर अपने फायदे के लिए हमला कर रही है खैर मैं हमले के लिए तैयार हूं मुझ पर हमले करना हो जितना कर लो मगर मेरी प्यारी जनता के प्रति मैं एक भी शब्द नहीं सुन सकता हूं।
          विपक्ष वाले" हमारे क्षेत्र के सड़क बहुत बुरी तरह से टूट गया है, जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं
पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है अरे गड्ढे में सड़क के मामले में इस क्षेत्र को गिनीज बुक में नाम दर्ज कर लिया जाना चाहिए।
          - वर्तमान विधायक" मैं मानता हूं , मेरे क्षेत्र की सड़क की दुर्दशा हो रही है इसके लिए विपक्ष जिम्मेदार है क्योंकि जब मैं इस क्षेत्र का विधायक बन चुना गया उस समय यहां पर अपराध बहुत जोरों पर चल रहा था।
मैं एक कमेटी का गठन किया उस दौरान मुझे पता चला तुम मेरा सिर चकरा गया अरे विपक्ष ने उस समय सड़क इतना बढ़िया बनवा दिया था कि कोई भी अपराध करके आसानी से सड़क से भाग जाता।
          - सो मुझे हरमोनियम साहब ने बताया कि अगर सड़क पर टूटा रहेगा तो अपराधी का मनोबल टूट जाएगा फिलहाल अपराध में भारी कमी आ गई
           - मेरे प्यारे जनता देखिए विपक्ष वालों की साजिश मुझे बदनाम करने के खैर मुझे जितना करना हो कर लो मगर मेरे क्षेत्र को मत करो।
            भीड़ में से आवाज आई - '' अरे भैया यहां पर इस क्षेत्र के विकास को लेकर चर्चा हो रही  उस पर चर्चा करो।''
          मगर जोर - जोर की नारों के बीच में वह आवाज दब गई।
- विपक्ष वाले " ओ आप तो राजा हरिशचंद हो उनकी खानदान के हो कितना झूठ बोल रहे हो ईश्वर माफ कर दे मगर यहां की जनता माफ नहीं करेगी।
         वर्तमान विधायक " मैं हरिशचंद नहीं गांधी विचारधारा से हूं मेरा हर कार्यकर्ता गांधी जी की प्रेरणा लेकर राजनीति में अपने प्रतिद्वंदी विचारधारा से मुकाबला कर रहा है यहां पर हर कार्यकर्ता महात्मा गांधी है।
          विपक्ष वाले " हो महात्मा गांधी के विचारधारा पर हम लोग चलने वाले हैं सच कहें इमानदारी से तो हमारे पार्टी का कार्यकर्ता महात्मा गांधी है तभी तो आप के चमचे यहां पर आपके नाम पर जमकर वसूली कर रहे थे।
          तभी दोनों पार्टी के कार्यकर्ता आपस में झगड़ना शुरू कर दिया कुर्सिया एक दूसरे पर खींच-खींच कर मारना शुरू हो गया,
            देखते - देखते मंच के सामने युद्ध का मैदान बन गया।
पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी
           अगले दिन अखबारों में मुखपृष्ठ पर निकला गांधीवादी विचारधारा की लड़ाई में 10 लोगों का सिर फूट गया,
           4 लोगों का हाथ और भगदड़ में 10 का पैर टूटा।


जौनपुर उप्र० (223104)
8115130965

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