अशोक बाबू माहौर
जा रहा हूँ
तमाम चीजें
साथ लेकर मस्तमौला
चले जा रहा हूँ
पता नहीं कहाँ?
किस ओर?
कलम कागज
और रोटी का टुकड़ा रखे
जेब में।
न मंजिल
न पथ का भरोसा
बस पद बढ़ाते
ओजस्वी मन लिए
गाता गुनगुनाता
शब्द जोड़ते
बढ़ रहा हूँ आगे
ठीक वैसे ही जैसे हवा में
भटकता एक कागज का टुकड़ा।
परिचय
संपर्क :ग्राम कदमन का पुरा, तहसील अम्बाह, जिला मुरैना (मप्र) 476111
मो 8802706980
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