ज्ञानेन्द्र मोहन 'ज्ञान'
आओ कविता लिखें
कि कविता -
वाकिफ़ है हर सच्चाई से।
आओ कविता लिखें
कि कविता -
भिड़ जाती है तन्हाई से।
कविता पहुँची
जहाँ सूर्य या चाँद सितारे
पहुँच न पाए।
धरती, अम्बर,
पर्वत, सागर,
यह कविता सबको दुलराए।
आओ कविता लिखें
कि कविता -
समझे सबको गहराई से।
धनवानों की
भरी तिजोरी
मज़दूरों का ख़ून पसीना।
राजनीति का
नग्न नृत्य या
अफसरशाहों का घृत पीना।
आओ कविता लिखें
कि कविता -
पढ़ लेती सब चतुराई से।
नफ़रत की दीवारों पर है
वार किया करती
यह कविता।
पीड़ित शोषित असहायों से
प्यार किया करती
यह कविता।
आओ कविता लिखें
कि कविता -
देखा करती ऊँचाई से।
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संक्षिप्त परिचय
जन्म : 02 सितंबर 1961, शाहजहांपुर (उ0प्र0)
प्रकाशन : नवगीत संग्रह 'तुमसे मिलकर',
बालगीत संग्रह 'राजाजी की शैतानी',
ग़ज़ल संग्रह 'और कब तक'
संप्रति : भारत सरकार, रक्षा मंत्रालय,
आयुध निर्माणी नालन्दा में वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी
आयुध निर्माणी नालन्दा में वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी
पता : ब्लॉक 3/।।।/16, आयुध नगर,
राजगीर, नालन्दा (बिहार) 803121
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