सरग - सुख पावंय जम्मों, अमरइया खेतखार म।।
हमर गंवई गॉंव म......
छनर - छनर पइरी बाजय, पनिहारिन के पॉंव म।
पंडरू - बछरू- पठरू बोलयं, महतारी के नांव म।।
खेलइया लइका निकरगे, खोर भिनसार म
हमर गंवई गॉंव म ......
बबा के खांसी - खोखली, लइका के तोतरी बोली।
पिंजरा के सुवा बोले, संगी के हांसी ठिठोली।।
सरी सुख ह अमाये हे, दाई के दुलार म
हमर गंवई गॉंव म .........
अंगाकर चीला अउ चाहा, बनावत हे बहुरिया।
गोसानिन संसो करय, भुखागे होही नंगरिहा।।
रोटी - अथान धर के, रेंगय, मेड़पार म
हमर गंवई गॉंव म .........
बर अउ पीपर के छंइया, गॉंव म तीरथ - धाम हे।
पबरित नंदिया के पानी, गॉंव म बुता काम हे।।
नइ जावन कहूं डहर दूसर के रूजगार म
हमर गंवई गॉंव म .........
पता
सम्बलपुर
जिला - कांकेर (छ.ग.) 494633
मोबा: 07898950591
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