- रामकुमार भूआर्य ' आकुल '
आ जा ये सिसकियाँ, तुम्हें बुला रही है।।
दिल ने तुम से नाता जोड़ा, मन का मेरे मीत हुए तुम
मेरे भाव शब्द हैं मेरे, गीत मेरे संगीत हुए तुम
धड़कन मेरी सरगम छेड़ें, धुन सुना रही है।
आ जा ये सिसकियाँ, तुम्हें बुला रही है।।
कभी चुभन है, कभी घुटन है, तनहा हूं तनहाई है
तुझमें मैं हूं मुझमें तुम हो, तू मेरी परछाई है
विरहिन यह जिंदगी, हर दिन जला रही है।
आ जा ये सिसकियाँ, तुम्हें बुला रही है।।
मिला नहीं क्यों अपना जबकि, जनम - जनम का नाता है
ये तन तो माटी है ,तनहा आता है फिर जाता है
स्मृतियों की इस झील में तू ही सुमन खिला रही है।
आ जा ये सिसकियाँ, तुम्हें बुला रही है।।
पता
दल्ली रोड, बालोद (छग)
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग
पेट्रोल पम्प के आगे
मोबाईल : 08305381289
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