सिर्फ लेखन के लिए ही बहाना क्यों
आलेख
खुदमुख्तार दलित स्त्रियां : राजेश कुमार चौहान
वर्गीय विभाजन को बनाये रखने वाले सांस्कृतिक हथियार के रूप में ' इंग्लिश ' उर्फ ' अंग्रेजी' : अश्विनी कुमार
नारी लेखन: कहने की जरुरत : प्रो.. थानसिंग वर्मा
भारतीय सिनेमा और दलित : जादुई संसार की कटु यथार्थ : डॉ मुकेश कुमार मिरोठा
बलात्कार का समाजशास्त्र: डॉ. मोहन आर्य
शोध लेख
दलित प्रश्न और रेणु : डॉ. पूनम रानी
व्याख्यान
वे हमें जातिवाद कहते हैं: कंवल भारती
चिंतन
मानव जीवन के साथ जंगली जानवरों का संघर्ष : अशोक चौधरी
साक्षात्कार
कथाकार कुबेर से यशवंत मेश्राम की भेंटवार्ता
अभी तो सफर जारी है - इरफान : अजय ब्रह्मात्मज
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलें - मनीष सिसोदिया : डॉ. संजीत कुमार
कहानी
दोपहर का भोजन : अमरकांत
ऐसा मत कहो : भूपेन्द्र कुमार दवे
अमृत विद्धाश्रम: विजय कुमार
बेरोजगार : राजासिंह
फर्ज : आशीष आनंद आर्या
व्यंग्य
भगत जी की गत: हरिशंकर परसाई
लघुकथाएं
कैसे - कैसे चोर : सपना मांगलिक
शोक संवेदना या बधाई संदेश : प्रभुदयाल श्रीवास्तव
लोक कथा
ठोली बोली : किसान दिवान
छत्तीसगढ़ी कहानी
बेंगवा के टरर टरर : विटठल राम साहू ' निश्छल '
झन फूटय घर : तेजनाथ
व्यक्तित्व
भिखारी ठाकुर के मायने :मुन्ना कुमार पाण्डेय
सुरता
भाव और भाषा के साधक : गजानंद प्रसाद देवांगन दिशाबोध : वीरेन्द्र ' सरल '
कविता/ गीत/ गजल
प्रो. श्योराज सिंह ' बेचैन ' की दो कविताएं
कविता : कुहरा छाया है / राजेन्द्र गौतम
कविता / डॉ. संजीत कुमार की तीन कविताएं
कविता : वो बात / नरेश टांक ' अनय '
कविता : मुकेश वैद्य की कविताएं
कविता : अनुभव / शांतिदीप श्रीवास्तव
छत्तीसगढ़ी गीत : कब होबे सजोर / सुशील भोले
छत्तीसगढ़ी कुंडलियां : कइसे होथे संत / रमेश कुमार सिंह चौहान
छत्तीसगढ़ी छंद : अजब - गजब / लोकनाथ साहू ' ललकार '
गज़ल : मुकुंद कौशल के छत्तीसगढ़ी गज़ल
गज़ल : वह दौर और / फूलचंद गुप्ता
गज़ल : समय किसी का / योगेन्द्र वर्मा ' व्योम '
गज़ल : जबां पर ताला / जितेन्द्र ' सुकुमार '
गज़ल : तुम जो होते / लक्ष्मीप्रसाद बड़ोनी ' दर्द गढ़वाली '
दोहे : अन्दर के शैतान की / श्याम ' अंकुर '
नवगीत : कुंवार की हुई अवाई / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
नवगीत : इच्छाधारी जीते हैं / अशोक ' अंजुम '
फिल्म समीक्षा
हैदर जो कू . ए. यार से निकले तो सू. ए. दार चले : उमाशंकर सिंह
लेख
हिन्दी फिल्में और कैबरे : डॉ. संजीत कुमार
पुस्तक समीक्षा
कूबत और औकात का अद्भुत सौन्दर्य
(गीत संग्रह )
छत्तीसगढ़ के संस्कार हे, पुरखा के चिन्हारी : समीक्षक धर्मेन्द्र निर्मल
साहित्यिक - सॉस्कृतिक गतिविधियॉं
मनोज शुक्ल ' मनोज ' की काव्य कृति का विमोचन
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