मनोज आजिज
वफ़ा प्यार से दूर ये शहर है
जवाँ पे कुछ, दिल पे कहर है
यूँ तो फरेबी की सफ़ेद धंधा है
फरिस्ते बनने की ढोंग शाम ओ सहर है
नि·लो सुब्ह जोश ओ उम्मीद लिए
हुयी रात लगती बेकार हर कसर है
गुजरो गर जिन्दगी की तंग गलियों से
पाओगे फिर भी कुछ टेढ़ी नजऱ है
कत्ल ही तो होती है अरमानों की यहाँ
मुर्झाया हुआ बेगुल सपनों का शजर है
हर शू अरबाबे दिल की कमी ' आजिज़'
जिओ खुद नहीं कोई शम्मे रहगुजर है
पता
इच्छापुर , ग्वालापारा
पोस्ट. आर. र्आई. टी . जमशेदपुर. 14
( झारखण्ड )
फोन.0997368014
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( झारखण्ड )
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