कविता
बोधन प्रसाद पाटकर
आज के नेता कुर्सी के बनगे दास
ये मन गरीबी ला मिटाही झन करहू आस
भाषण आश्वासन देके जनता ल फुसलाये
भूखा मा प्राण छूटत हे बिस्कुट देके बहलाये
गांव गांव मा पार्टी बंदी फूट समागे
जनता ल बरगलाय बर नेता मौका पागे
घरों - घर मा नेता बिलबिलागे
आये दिन लड़ाई अदालत मा पैसा फूंकागे
जुन्ना सियान मन के नियाव नंदागे
पंच - परमेश्वर के कहावत मेटागे
पहली के गांव के , नक्सा चेहरा बदलगे
आपस के प्रेम भाव सुख शांति उजड़गे
द्वारा - आनंद तिवारी पौराणिक
बोधन प्रसाद पाटकर
आज के नेता कुर्सी के बनगे दास
ये मन गरीबी ला मिटाही झन करहू आस
भाषण आश्वासन देके जनता ल फुसलाये
भूखा मा प्राण छूटत हे बिस्कुट देके बहलाये
गांव गांव मा पार्टी बंदी फूट समागे
जनता ल बरगलाय बर नेता मौका पागे
घरों - घर मा नेता बिलबिलागे
आये दिन लड़ाई अदालत मा पैसा फूंकागे
जुन्ना सियान मन के नियाव नंदागे
पंच - परमेश्वर के कहावत मेटागे
पहली के गांव के , नक्सा चेहरा बदलगे
आपस के प्रेम भाव सुख शांति उजड़गे
द्वारा - आनंद तिवारी पौराणिक
श्री राम टाकीज मार्ग
महासमुंद (छग.)
महासमुंद (छग.)
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