इस अंक के रचनाकार

इस अंक के रचनाकार आलेख खेती-किसानी ले जुड़े तिहार हरे हरेलीः ओमप्रकाश साहू ' अंकुर ' यादें फ्लैट सं. डी 101, सुविधा एन्क्लेव : डॉ. गोपाल कृष्ण शर्मा ' मृदुल' कहानी वह सहमी - सहमी सी : गीता दुबे अचिंत्य का हलुवा : राजेन्द्र प्रसाद काण्डपाल एक माँ की कहानी : हैंस क्रिश्चियन एंडर्सन अनुवाद - भद्रसैन पुरी कोहरा : कमलेश्वर व्‍यंग्‍य जियो और जीने दो : श्यामल बिहारी महतो लधुकथा सीताराम गुप्ता की लघुकथाएं लघुकथाएं - महेश कुमार केशरी प्रेरणा : अशोक मिश्र लाचार आँखें : जयन्ती अखिलेश चतुर्वेदी तीन कपड़े : जी सिंग बाल कहानी गलती का एहसासः प्रिया देवांगन' प्रियू' गीत गजल कविता आपकी यह हौसला ...(कविता) : योगेश समदर्शी आप ही को मुबारक सफर चाँद का (गजल) धर्मेन्द्र तिजोरी वाले 'आजाद' कभी - कभी सोचता हूं (कविता) : डॉ. सजीत कुमार सावन लेकर आना गीत (गीत) : बलविंदर बालम गुरदासपुर नवीन माथुर की गज़लें दुनिया खारे पानी में डूब जायेगी (कविता) : महेश कुमार केशरी बाटुर - बुता किसानी/छत्तीसगढ़ी रचना सुहावत हे, सुहावत हे, सुहावत हे(छत्तीसगढ़ी गीत) राजकुमार मसखरे लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की रचनाएं उसका झूला टमाटर के भाव बढ़न दे (कविता) : राजकुमार मसखरे राजनीति बनाम व्यापार (कविता) : राजकुमार मसखरे हवा का झोंका (कविता) धनीराम डड़सेना धनी रिश्ते नातों में ...(गजल ) बलविंदर नाटक एक आदिम रात्रि की महक : फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी से एकांकी रूपान्तरणः सीताराम पटेल सीतेश .

शनिवार, 15 अक्तूबर 2022

छत्‍तीसगढ़ राजभाषा आयोग व्‍दारा आयोजित साहित्यिक कार्यक्रम संपन्‍न






छत्‍तीसगढ़ी '' गरीबा '' महाकाव्‍य के रचनाकार श्री नूतन प्रसाद शर्मा सहित श्रीमती सुभदा मिश्र, 
गिरीश ठक्‍कर, देवचंद बंजारे, श्रीमती पदमा साहू छत्‍तीसगढ़ी में उत्‍कृष्‍ट कार्य के लिए सम्‍मानीत
      डोंगरगढ़ । धर्मनगरी डोंगरगढ़ में 15 अक्‍टूबर 2022 को छत्‍तीसगढ़ राजभाषा आयोग, रायपुर के व्‍दारा जिला स्‍तरीय छत्‍तीसगढ़ी राजभाषा सम्‍मेलन का आयोजन किया गया । मां बम्‍लेश्‍वरी धर्मार्थ चिकित्‍सालय भवन के उपरी भाग में आयोजित साहित्यिक कार्यक्रम के माई पहुना श्री कुंवरसिंह निषाद, संसदीय सचिव एवं विधायक गुण्‍डरदेही थे । पगरइत अतिथि के रुप में श्री भुनेश्‍वर शोभाराम बघेल, अध्‍यक्ष अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण, छत्‍तीसगढ़ शासन एवं विधायक डोंगरगढ़ थे । खास पहुना श्री विवेक वासनिक, अध्‍यक्ष, राजगामी सम्‍पदा न्‍यास, राजनांदगांव, श्री नवाज खान, अध्‍यक्ष जिला सहकारी केन्‍द्रीय बैंक, राजनांदगांव, मां बम्‍लेश्‍वरी ट्स्‍ट के अध्‍यक्ष श्री मनोज अग्रवाल एवं नगर पालिका,डोंगरगढ़ के अध्‍यक्ष श्री सुरेश मेश्राम थे ।
      कार्यक्रम के आरंभ में मां सरस्‍वती के तैलचित्र में मार्ल्‍यापण कर दीप प्रज्‍जवलित किया गया । तत्‍पश्‍चात राजगीत '' अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार '' गाया गया । 
      कार्यक्रम के आरंभ में स्‍वागत भाषण का वाचन छत्‍तीसगढ़ी राजभाषा आयोग के सचिव डॉ. अनिल कुमार भतपहरी ने किया । तीन सत्र में आयोजित साहित्यिक कार्यक्रम के प्रथम सत्र में साहित्यिक कारों छत्‍तीसगढ़ी '' गरीबा '' महाकाव्‍य के रचनाकार श्री नूतन प्रसाद शर्मा, श्रीमती सुभदा मिश्र, श्री गिरीश ठक्‍कर, श्री देवचंद बंजारे एवं श्रीमती पदमा साहू का सम्‍मान श्रीफल, साल, मेमोंटों भेंट कर सम्‍मानीत किया गया । 
      माई पहुना की आसंदी से संसदीय सचिव छत्‍तीसगढ़ शासन एवं विधायक गुण्‍डरदेही
श्री कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि छत्‍तीसगढ़ी को जन - जन की भासा बनाने हम कृत संकल्पित है । भूपेश बघेल सरकार इस दिशा में कारगर कदम उठा रही है । पगरईत अतिथि के रुप में उपस्थित अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के अध्‍यक्ष एवं विधायक डोंगरगढ़ श्री भुनेश्‍वर शाेभाराम बघेल ने छत्‍तीसगढ़ी को राजकाज की भाषा बनाने के संबंध में जोर देते हुए कहा कि छत्‍तीसगढ़ी को राजकाज की भाषा बनाना ही होगा, इसे आठवीं अनुसूची में शामिल कराने पूरा प्रयास किया जायेगा । कार्यक्रम को समाजसेवी श्री शोभाराम बघेल, राजगामी सम्‍पदा के अध्‍यक्ष श्री विवेक वासनिक ने भी संबोधित किया । 
      दूसरे सत्र में डां.पीसी लाल यादव, आचार्य सरोज दिव्‍वेदी, श्री आत्‍माराम कोशा एवं श्रीमती शैल शर्मा ने विचार गोष्‍ठी में अपने विचार रखे ।
             कार्यक्रम के तीसरे सत्र में कवि सम्‍मेलन का आयोजन किया गया जिसमें जिले भर के कवि एवं गीतकारों ने अपनी रचनाएं प्रस्‍तुत की ।

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