इस अंक के रचनाकार

इस अंक के रचनाकार आलेख खेती-किसानी ले जुड़े तिहार हरे हरेलीः ओमप्रकाश साहू ' अंकुर ' यादें फ्लैट सं. डी 101, सुविधा एन्क्लेव : डॉ. गोपाल कृष्ण शर्मा ' मृदुल' कहानी वह सहमी - सहमी सी : गीता दुबे अचिंत्य का हलुवा : राजेन्द्र प्रसाद काण्डपाल एक माँ की कहानी : हैंस क्रिश्चियन एंडर्सन अनुवाद - भद्रसैन पुरी कोहरा : कमलेश्वर व्‍यंग्‍य जियो और जीने दो : श्यामल बिहारी महतो लधुकथा सीताराम गुप्ता की लघुकथाएं लघुकथाएं - महेश कुमार केशरी प्रेरणा : अशोक मिश्र लाचार आँखें : जयन्ती अखिलेश चतुर्वेदी तीन कपड़े : जी सिंग बाल कहानी गलती का एहसासः प्रिया देवांगन' प्रियू' गीत गजल कविता आपकी यह हौसला ...(कविता) : योगेश समदर्शी आप ही को मुबारक सफर चाँद का (गजल) धर्मेन्द्र तिजोरी वाले 'आजाद' कभी - कभी सोचता हूं (कविता) : डॉ. सजीत कुमार सावन लेकर आना गीत (गीत) : बलविंदर बालम गुरदासपुर नवीन माथुर की गज़लें दुनिया खारे पानी में डूब जायेगी (कविता) : महेश कुमार केशरी बाटुर - बुता किसानी/छत्तीसगढ़ी रचना सुहावत हे, सुहावत हे, सुहावत हे(छत्तीसगढ़ी गीत) राजकुमार मसखरे लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की रचनाएं उसका झूला टमाटर के भाव बढ़न दे (कविता) : राजकुमार मसखरे राजनीति बनाम व्यापार (कविता) : राजकुमार मसखरे हवा का झोंका (कविता) धनीराम डड़सेना धनी रिश्ते नातों में ...(गजल ) बलविंदर नाटक एक आदिम रात्रि की महक : फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी से एकांकी रूपान्तरणः सीताराम पटेल सीतेश .

सोमवार, 30 मई 2022

पालतु कौए

शशिकांत सिंह शशि

        बी के को आजकल एक ही सपना बार - बार आ रहा है कि वह मर गया है। नंगा फुटपाथ पर पड़ा है और कौए उसके शरीर पर मंडरा रहे हैं। कोर मीटिंग के बाद से ही उसे ऐसे सपने आ रहे हैं जिसमें मैनेजर ने कहा था - हां तो मैं कह रहा था कि जैन साहब का आदेश है कल दिन भर इसी चित्र को न्यूज में फोकस करना है। गौर से देख लीजिये आप लोग तो ड्रामेटाईजेशन में सुविधा होगी।
       सारे एंकर,रीडर,गौर से चित्र को देखने लगे। एक आदमी के हाथ में नोटों के एक बंडल था। वह केतन चैहान के साथ खड़ा था। बी के ने पूछ लिया- सर,यह दूसरा आदमी चौहान साहब के पास क्यों खड़ा है ?
      मीडिया मैनेजर हंसे। बोले - यह प्रश्न आपके लिए जरूरी नहीं है। जरूरी है कि आपको बोलना क्या है? आपको चीख - चीखकर जनता को बताना है कि चौहान इस आदमी से रिश्वत लेते देखा गया। स्टींग आप्रेशन की गई थी। बी के संदेही जीव था फिर पूछ बैठा - सर, चित्र में रिश्वत लेते हुये तो चौहान साहब दिख ही नहीं रहे। दूसरे प्रश्न के बाद माहौल तनावूपर्ण हो गया। बी के मित्रों ने इशारे से शांत रहने के लिए कहा लेकिन विनाशकाले विपरीत बुद्धि।
मैनेजर ने गहरी सांस ली और बोला - आप पड़ताल मत कीजिये। बार - बार एक ही बात आप लोग कहेंगे तो शाम तक जनता को भी लगने लगेगा कि चैहान रिश्वत ले रहा था। फोटो की एक क्लिप दिखाकर हटा लेना है। यही जैन साहब का आदेश है।
      बी के फिर मुंह खोली - पर सर ....। मैनेजर ने उसे घूरा और हॉल से बाहर निकल गया। मीेटिंग के बाद कुमार साहब ने पहला पैग लेने के बाद बी के को बताया - अरे, सब रंडुए हैं साले, चैहान को बदनाम करने के आदेश हैं। जैन को माल मिला है। उसे क्या? वह तो अपनी मां - बहन भी दे दे।
बी के चुप।
      दूसरे पैग के कुमार साहब ने बताया - यह जो पहला आदमी है यह तो मैनेजर का साला हैं। कल एक फॅक्शन में चैहान साहब के पास चला गया और मजाक में बोला - सर, गड्डी में पांच नोट नकली है। आप देखकर बता सकते हैं कि वे नकली नोट कौन से हैं? चौहान ने सोचा कि बंदे ने ज्यादा चढ़ा ली है तो हंसता हुआ चला गया। उसी समय इनके कैमरामैन ने फोटो ले ली। हमें क्या ? कल दिन चीखेंगे। हम तो पालतु कौए हैं।
    बस तब से बी के यही सपना देख रहा है।

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