इस अंक के रचनाकार

इस अंक के रचनाकार आलेख खेती-किसानी ले जुड़े तिहार हरे हरेलीः ओमप्रकाश साहू ' अंकुर ' यादें फ्लैट सं. डी 101, सुविधा एन्क्लेव : डॉ. गोपाल कृष्ण शर्मा ' मृदुल' कहानी वह सहमी - सहमी सी : गीता दुबे अचिंत्य का हलुवा : राजेन्द्र प्रसाद काण्डपाल एक माँ की कहानी : हैंस क्रिश्चियन एंडर्सन अनुवाद - भद्रसैन पुरी कोहरा : कमलेश्वर व्‍यंग्‍य जियो और जीने दो : श्यामल बिहारी महतो लधुकथा सीताराम गुप्ता की लघुकथाएं लघुकथाएं - महेश कुमार केशरी प्रेरणा : अशोक मिश्र लाचार आँखें : जयन्ती अखिलेश चतुर्वेदी तीन कपड़े : जी सिंग बाल कहानी गलती का एहसासः प्रिया देवांगन' प्रियू' गीत गजल कविता आपकी यह हौसला ...(कविता) : योगेश समदर्शी आप ही को मुबारक सफर चाँद का (गजल) धर्मेन्द्र तिजोरी वाले 'आजाद' कभी - कभी सोचता हूं (कविता) : डॉ. सजीत कुमार सावन लेकर आना गीत (गीत) : बलविंदर बालम गुरदासपुर नवीन माथुर की गज़लें दुनिया खारे पानी में डूब जायेगी (कविता) : महेश कुमार केशरी बाटुर - बुता किसानी/छत्तीसगढ़ी रचना सुहावत हे, सुहावत हे, सुहावत हे(छत्तीसगढ़ी गीत) राजकुमार मसखरे लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की रचनाएं उसका झूला टमाटर के भाव बढ़न दे (कविता) : राजकुमार मसखरे राजनीति बनाम व्यापार (कविता) : राजकुमार मसखरे हवा का झोंका (कविता) धनीराम डड़सेना धनी रिश्ते नातों में ...(गजल ) बलविंदर नाटक एक आदिम रात्रि की महक : फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी से एकांकी रूपान्तरणः सीताराम पटेल सीतेश .

सोमवार, 7 मार्च 2022

डॉ नीलम महेंद्र को अहिन्दी भाषी हिंदी सेवा सम्मान

      अखिल भारतीय साहित्य परिषद से सम्बद्ध मध्यभारतीय हिंदी साहित्य सभा, ग्वालियर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में डॉ नीलम महेंद्र जी एवं श्री हरिहर शर्मा जी साहित्य सभा द्वारा वर्ष 2021 के लिए साहित्य में विशेष योगदान करने हेतु सम्मानित किया गया ।

     विवेकानंद मार्ग राष्ट्रोत्थान न्यास भवन ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय संगठन मंत्री अखिल भारतीय साहित्य परिषद श्रीयुत श्री श्रीधर पराड़कर ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व आकाशवाणी उद्घोषक श्री श्यामलाल सरीन एवं मुख्य वक्ता के रूप में विश्व संवाद केंद्र के पूर्व निदेशक श्री हरिहर शर्मा जी उपस्थित थे।

drneelammahendra@media.ind.in

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