बसंत विशेष ...
व्यग्र पाण्डे
किसने किया श्रृंगार प्रकृति का,
अरे, कोई तो बतलाओ !
अरे, कोई तो बतलाओ !
डाल-डाल पर फूल खिले हैं
ठण्डी सिहरन देती वात
पात गा रहे गीत व कविता
कितने सुहाने दिनऔर रात
मादकता मौसम में कैसी ,
अरे कोई तो समझाओ !
ठण्डी सिहरन देती वात
पात गा रहे गीत व कविता
कितने सुहाने दिनऔर रात
मादकता मौसम में कैसी ,
अरे कोई तो समझाओ !
खेत-खेत में बिखरा सोना
कौन लुटाये बन दातार
रसबन्ती गुणबन्ती देखो
धरा करे किसकी मनुहार
रंग-महल सी बनी झोपड़ी,
कारण कैसा , समझाओ !
कौन लुटाये बन दातार
रसबन्ती गुणबन्ती देखो
धरा करे किसकी मनुहार
रंग-महल सी बनी झोपड़ी,
कारण कैसा , समझाओ !
स्वागत में किसके ये मन
खड़ा हुआ है बन के प्रहरी
उजड़ा-उजड़ा सँवरा फिर से
बात समझ ना आये गहरी
मेरे मन की , तेरे मन की,
गुत्थी अब तो सुलझाओ !
खड़ा हुआ है बन के प्रहरी
उजड़ा-उजड़ा सँवरा फिर से
बात समझ ना आये गहरी
मेरे मन की , तेरे मन की,
गुत्थी अब तो सुलझाओ !
भ्रमरों का मधुरिम गुंजन
और तितली का मँडराना
चप्पा-चप्पा बरसे अमृत,
नहीं कोई भी बिसराना
आया हैं 'ऋतुराज' आज अब
स्वागत में कुछ तो गाओ
अरे कोई तो बतलाओ !
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कर्मचारी काॅलोनी, बचपन स्कूल के पास,
गंगापुर सिटी, जिला- सवाई माधोपुर
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ई-मेल : vishwambharvyagra@gmail.com
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