श्याम '' अंकुर ''
घन छाये क्या रात हुई मेंढक के टर्राने से
हरदम क्या बरसात हुई मेंढक के टर्राने से
किसके दिल पे घाव हुआ किसकी आँखें रोई है
मीत नई क्या बात हुई मेढक के टर्राने से
सन्नाटों में हलचल से डर का दानव हॅसता है
बात नई क्या तात हुई मेढक के टर्राने से
आँखें गीली खेत भी सूखे - सूखे किसना के
दूर कहाँ यह घात हुई मेंढक के टर्राने से
पहले जैसी रातें हैं अंकुर तोता- मैना की
रात कहाँ सौगात हुई मेंढक के टर्राने से
हठौला भैरुजी की टेक,
मण्डोला, बारां - 325205
घन छाये क्या रात हुई मेंढक के टर्राने से
हरदम क्या बरसात हुई मेंढक के टर्राने से
किसके दिल पे घाव हुआ किसकी आँखें रोई है
मीत नई क्या बात हुई मेढक के टर्राने से
सन्नाटों में हलचल से डर का दानव हॅसता है
बात नई क्या तात हुई मेढक के टर्राने से
आँखें गीली खेत भी सूखे - सूखे किसना के
दूर कहाँ यह घात हुई मेंढक के टर्राने से
पहले जैसी रातें हैं अंकुर तोता- मैना की
रात कहाँ सौगात हुई मेंढक के टर्राने से
हठौला भैरुजी की टेक,
मण्डोला, बारां - 325205
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