संपादकीय
का सही म हम छत्तीसगढ़ी ल राजभासा बनाये खातिर ईमानदार हन
आलेख
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर : रंग सरोवर - वीरेन्द्र '' सरल ''
मुक्ति पर्व : 15 अगस्त - महेन्द्र भटनागर
छत्तीसगढ़ के सरुप : डॉ. चितरंजन कर
कहानी
हरम: अजय गोयल
बंटवारा : योगेन्द्र प्रताप मौर्य
कभी - कभी ऐसा होता है : अजय ठाकुर
बिना टिकट: मनोज सिंह
एक और सूरज : जितेन ठाकुर
दाग : सुशांत सुप्रिय
व्यंग्य
रचनात्मक भ्रष्टाचार : कुबेर
अंगद का पॉंव : श्रीलाल शुक्ल
सुधर जाओ परसाई : शशिकांत सिंह ' शशि '
रामसिंह की मौत : हनुमान मुक्त
लघुकथा
प्राण शर्मा की दो लघुकथाएं
बंद दरवाजा : मुंशी प्रेमचंद
गालियां : चन्द्रधर शर्मा ' गुलेरी '
ओछी मानसिकता : मीरा जैन
सुधार : हरिशंकर परसाई
ईश्वर का चेहरा : विष्णु प्रभाकर
मिल कर रहना, मिल कर मुस्कुराना : प्रभुदयाल श्रीवास्तव
गीत- ग़ज़ल- कविता
लाला जगदलपुरी की तीन रचनाएं
तीजा (छत्तीसगढ़ी गीत) : नंदकुमार साहू
खादी के टोपी : कोदूराम ' दलित '
धर मशाल तैं ह संगी : सुशील ' भोले '
तीजा के लुगरा : थनवार निषाद ' सचिन '
भूख मरत ईमान गली म (मुक्तक) स्व. कुंजबिहारी चौबे
लोककथा
एक तोता और एक बूढ़ा बैगा : डॉ. विजय चौरसिया
अंधरी के बेटा ( छत्तीसगढ़ी ): विट्ठल राम साहू ' निश्छल'
व्यक्तित्व
बहुआयामी कलाकार : सुरेश यादव : वीरेन्द्र बहादुर सिंह
पुस्तक समीक्षा
माइक्रो कविता और दसवां रस अर्थात भावनात्मक भ्रष्टाचार का पोष्टमार्टम : समीक्षक यशवंत
' यूं ही' अशोक अंजुम का ग़ज़ल संग्रह : समीक्षक डॉ. शिवओम अम्बर
फिल्म आलेख
कहां गुम हो गई छत्तीसगढ़ी जनजीवन की झलक : भूपेन्द्र मिश्र
का सही म हम छत्तीसगढ़ी ल राजभासा बनाये खातिर ईमानदार हन
आलेख
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर : रंग सरोवर - वीरेन्द्र '' सरल ''
मुक्ति पर्व : 15 अगस्त - महेन्द्र भटनागर
छत्तीसगढ़ के सरुप : डॉ. चितरंजन कर
कहानी
हरम: अजय गोयल
बंटवारा : योगेन्द्र प्रताप मौर्य
कभी - कभी ऐसा होता है : अजय ठाकुर
बिना टिकट: मनोज सिंह
एक और सूरज : जितेन ठाकुर
दाग : सुशांत सुप्रिय
व्यंग्य
रचनात्मक भ्रष्टाचार : कुबेर
अंगद का पॉंव : श्रीलाल शुक्ल
सुधर जाओ परसाई : शशिकांत सिंह ' शशि '
रामसिंह की मौत : हनुमान मुक्त
लघुकथा
प्राण शर्मा की दो लघुकथाएं
बंद दरवाजा : मुंशी प्रेमचंद
गालियां : चन्द्रधर शर्मा ' गुलेरी '
ओछी मानसिकता : मीरा जैन
सुधार : हरिशंकर परसाई
ईश्वर का चेहरा : विष्णु प्रभाकर
मिल कर रहना, मिल कर मुस्कुराना : प्रभुदयाल श्रीवास्तव
गीत- ग़ज़ल- कविता
लाला जगदलपुरी की तीन रचनाएं
तीजा (छत्तीसगढ़ी गीत) : नंदकुमार साहू
खादी के टोपी : कोदूराम ' दलित '
धर मशाल तैं ह संगी : सुशील ' भोले '
तीजा के लुगरा : थनवार निषाद ' सचिन '
भूख मरत ईमान गली म (मुक्तक) स्व. कुंजबिहारी चौबे
लोककथा
एक तोता और एक बूढ़ा बैगा : डॉ. विजय चौरसिया
अंधरी के बेटा ( छत्तीसगढ़ी ): विट्ठल राम साहू ' निश्छल'
व्यक्तित्व
बहुआयामी कलाकार : सुरेश यादव : वीरेन्द्र बहादुर सिंह
पुस्तक समीक्षा
माइक्रो कविता और दसवां रस अर्थात भावनात्मक भ्रष्टाचार का पोष्टमार्टम : समीक्षक यशवंत
' यूं ही' अशोक अंजुम का ग़ज़ल संग्रह : समीक्षक डॉ. शिवओम अम्बर
फिल्म आलेख
कहां गुम हो गई छत्तीसगढ़ी जनजीवन की झलक : भूपेन्द्र मिश्र
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