इस अंक के रचनाकार

इस अंक के रचनाकार आलेख खेती-किसानी ले जुड़े तिहार हरे हरेलीः ओमप्रकाश साहू ' अंकुर ' यादें फ्लैट सं. डी 101, सुविधा एन्क्लेव : डॉ. गोपाल कृष्ण शर्मा ' मृदुल' कहानी वह सहमी - सहमी सी : गीता दुबे अचिंत्य का हलुवा : राजेन्द्र प्रसाद काण्डपाल एक माँ की कहानी : हैंस क्रिश्चियन एंडर्सन अनुवाद - भद्रसैन पुरी कोहरा : कमलेश्वर व्‍यंग्‍य जियो और जीने दो : श्यामल बिहारी महतो लधुकथा सीताराम गुप्ता की लघुकथाएं लघुकथाएं - महेश कुमार केशरी प्रेरणा : अशोक मिश्र लाचार आँखें : जयन्ती अखिलेश चतुर्वेदी तीन कपड़े : जी सिंग बाल कहानी गलती का एहसासः प्रिया देवांगन' प्रियू' गीत गजल कविता आपकी यह हौसला ...(कविता) : योगेश समदर्शी आप ही को मुबारक सफर चाँद का (गजल) धर्मेन्द्र तिजोरी वाले 'आजाद' कभी - कभी सोचता हूं (कविता) : डॉ. सजीत कुमार सावन लेकर आना गीत (गीत) : बलविंदर बालम गुरदासपुर नवीन माथुर की गज़लें दुनिया खारे पानी में डूब जायेगी (कविता) : महेश कुमार केशरी बाटुर - बुता किसानी/छत्तीसगढ़ी रचना सुहावत हे, सुहावत हे, सुहावत हे(छत्तीसगढ़ी गीत) राजकुमार मसखरे लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की रचनाएं उसका झूला टमाटर के भाव बढ़न दे (कविता) : राजकुमार मसखरे राजनीति बनाम व्यापार (कविता) : राजकुमार मसखरे हवा का झोंका (कविता) धनीराम डड़सेना धनी रिश्ते नातों में ...(गजल ) बलविंदर नाटक एक आदिम रात्रि की महक : फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी से एकांकी रूपान्तरणः सीताराम पटेल सीतेश .

शनिवार, 28 फ़रवरी 2015

फरवरी 2015 से अप्रैल 2015

सम्‍पादकीय
आलेख
कवि और कविता के बारे में - डॉ. सुरेन्‍द्र कुमार
उपनिवेशवाद विरोधी संघर्ष और रंगभूमि - अरमान अंसारी 
आधुनिक गद्य का विकास और प्रथम हिन्‍दी कहानी - यशवंत
छत्‍तीसगढ़ी '' कथा - कंथली '' में लोक - प्रतिरोध के स्‍वर - सुरेश सर्वेद

आलोचात्‍मक आलेख 
प्रभा खेतान के नाम एक खत : डॉ. अर्चना रानी 
शोध लेख
छत्तीसगढ़ के सामंती रियासतों एवं जमीदारियों में जनचेतना के विकास में सतनाम पंथ का योगदान : पी.डी. सोनकर
गांधी: नारी विषयक दृष्टिकोण - शोधार्थी : सुमन 
वारिस शाह की हीर: राखी वर्मा 

कहानी
फर्क - सुरजीत सिंह वरवाल
श्‍वान निन्‍द्रा - मनीष कुमार सिंह
जूते की जोड़ी - सपना मांगलिक
धुरी - महावीर रवांल्‍टा
रूपये का रिश्‍ता -  आशीष आनन्‍द आर्या 

व्‍यंग्‍य
स्‍वर्गवासी - नर्कवासी - कुबेर

लघुकथा
मंगल सूत्र - डॉ. रामसिंह यादव 

लोक कथा 
महराज के बेटा : वीरेन्‍द्र ' सरल '

गीत / गजल / कविता
नवगीत : सुमन खिला रही है - रामकुमार भुआर्य '' आकुल ''
नवगीत : कैसा यह दौर - मुकुंद कौशल
नवगीत : पुरवा कहती है - सुधा शर्मा
छत्‍तीसगढ़ी गीत - हमर गंवई गांव म - गणेश यदु
मुक्‍तक : पांच मुक्‍तक - श्‍याम '' अंकुर ''
कविता : अनुठा है मेरा मामला - केशव शरण
कविता : चिट्ठियां - राहुल देव
कविता : ऑंचल - ज्ञानिक वर्मा
गजल : उनकी यादों - चॉंद ' शेरी ' 
गजल : फूलचंद गुप्‍ता की चार रचनाएं
के.के. सिंह मयंक की दो रचनाएं
धर्मेन्‍द्र निर्मल की गजलें
गरमी के चारगोडिया : आनन्‍द तिवारी पौराणिक

साहित्यिक - सांस्‍कृतिक गतिविधियॉं
अाकांक्षा को '' परिकल्‍पना सार्क सम्‍मान''
तीन मई को साकेत  परिषद की वार्षिकोत्‍सव एवं सम्‍मान समारोह 
संवेदनाओं के स्‍वर का लोकार्पण
अम्बिका प्रसाद दिव्‍य पुरस्‍कार घोषित

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