सबने ही यौवन देखा है।
किसने पावन मन देखा है।
अब तो दोस्त बनाकर देखो
अब तक तो दुश्मन देखा है
मुझपे दोष बताने वाले
क्या तूने दरपन देखा है
चंदा को रोटी समझा था
हाँ, मैने बचपन देखा है।
सच्चाई के पथ पर मैंने
उलझन ही उलझन देखा है
जिनमें कोई बात नहीं है
उनका भी वन्दन देखा है
अच्छे - अच्छे लुट जाते हैं
फनकारों का फन देखा है
' तालिब ' रेगिस्तानों में भी
हमने तो उपवन देखा है
पता-
14, अमीर कम्पाउण्ड, बीएनपी रोड
देवास (म.प्र.)
मोबा. 9754038864
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