इस अंक के रचनाकार
आलेख प्रेम अनुराग का लोकस्वर : ददरिया - डॉ. पीसीलाल यादव
कहानी
बासी भात में खुदा का साझा : मुंशी प्रेमचंद
अभागिन : डॉ. रामशंकर चंचल
भरका ( छत्तीसगढ़ी ) : मंगत रवीन्द्र
फूटहा छानी ( छत्तीसगढ़ी ) सुरेश सर्वेद
बड़की भौजी ( छत्तीसगढ़ी ) हरप्रसाद निडर
व्यंग्य
अथ श्री अस त्य नारायण व्रत कथा : नूतन प्रसाद
शोले उगलते लोग : कांशीपुरी कुंदन
सुरता
छत्तीसगढ़ी लोकनाट्य नाचा के पुरखा : दाऊ मंदराजी - कुबेर
गीत / ग़ज़ल / कविता
जितेन्द्र जौहर के दोहे, इज्जत अउ परान : शरद शर्मा, लोग जो नाकाम हो करके जीये : ज्ञानेन्द्र साज, करम दिखता है क्या नगीने में : राजेश जगने ' राज ', रही तड़पती आंसुओं में : ओमरायजादा, औरत: श्रीमती सुधा शर्मा, खदीजा खान की कविताएं, नव विश्वास जगाए बाबा : इब्राहीम कुरैशी, जिधर देखूं उधर मुझको : विजय ' तन्हा ', हाथों के फूटेगें छाले एक दिन : जगन्नाथ ' विश्व ', नहीं सुलझते हैं सुलझाये : रामेश्वर प्रसाद ' इंदु ' , मेरे गीतों में आओ : पं. रमाकांत शर्मा, अम्मा : आलोक तिवारी, ओ सावन, ओ मनभावन : धर्मेन्द्र गुप्त ' साहिल ',राना लिधौरी के हाइकु
विचार
समवेत प्रयास से ही राजभाषा समृध्द होगी : सुनील कुमार ' तनहा '
पुस्तक समीक्षा
आदर्श और यथार्थ के बीच संतुलन बनाती कहानियां - कुबेर
दोपहर में खिले गुलमोहर की याद दिलाती कविताएं : त्रिभुवन पाण्डेय
साहित्यिक सांस्कृतिक गतिविधियां
साहित्यांचल शिखर सम्मान समारोह आई.टी.एम में सम्पन्न
' रोशनी का घट( अशोक अंजुम : व्यक्ति एवं अभिव्यक्ति ) ' का पद्मभूषण नीरज व्दारा लोकार्पण
सुरता हीरालाल काव्योपाध्याय समारोह संपन्न
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