1
पर्यावरण
की उथल - पुथल।
महा विनाश।।
2
जल के स्रोत
जंगल औ बादल।
जीवन ज्योति।।
3.
साफ जंगल
नदिया प्रदूषित
कैसे मंगल।।
3.
साफ जंगल
नदिया प्रदूषित
कैसे मंगल।।
4
जीवन दवा,
जल, जमीन, हवा।
बिकने लगी।।
5
टेढ़ा नजर
जब प्रकृति की होती।
सब रोते हैं।।
5
टेढ़ा नजर
जब प्रकृति की होती।
सब रोते हैं।।
पता - राजीव नामदेव राना लिधौरी
संपादक आकांक्षा पत्रिका
शिवनगर कालौनी, टीकमगढ़
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