कविता
मेरा नाम मिलावट राम
करता हूं मिलावट का काम
पाप काटने के लिए जाता हूं चारोधाम।
मेरा नाम मिलावट राम॥
वहां बैठे रहते हैं पंडा पुजारी
करता हूं उनको दान।
खुश होकर वे कहते हैं-
जुग - जुग जियो मिलावट राम।
मरोगे तो जाओगे बैकुण्ठधाम॥
मेरा नाम मिलावट राम॥
उड़द मूंग मसूर चना में
मिलाता हूं काली मिट्टी
दाँतों को लगे तेज गिट्टी
चाँवल के कंकण - पत्थर
हाल मत पूछो गेंहूं का
जिसमें मिलता है कंकण भूसी
जो कोई कुछ बोले
करता हूं उसे राम राम।
मेरा नाम मिलावट राम॥
नारियल तेल में पाम ऑइल डालूं
और बेसन में आटा
सरसों तेल में रिफाईन डालूं
सूरजमुखी में सोयाबीन
ताकि सरकार हो बदनाम।
मेरा नाम मिलावट राम॥
मेरा नाम मिलावट राम
करता हूं मिलावट का काम
पाप काटने के लिए जाता हूं चारोधाम।
मेरा नाम मिलावट राम॥
वहां बैठे रहते हैं पंडा पुजारी
करता हूं उनको दान।
खुश होकर वे कहते हैं-
जुग - जुग जियो मिलावट राम।
मरोगे तो जाओगे बैकुण्ठधाम॥
मेरा नाम मिलावट राम॥
उड़द मूंग मसूर चना में
मिलाता हूं काली मिट्टी
दाँतों को लगे तेज गिट्टी
चाँवल के कंकण - पत्थर
हाल मत पूछो गेंहूं का
जिसमें मिलता है कंकण भूसी
जो कोई कुछ बोले
करता हूं उसे राम राम।
मेरा नाम मिलावट राम॥
नारियल तेल में पाम ऑइल डालूं
और बेसन में आटा
सरसों तेल में रिफाईन डालूं
सूरजमुखी में सोयाबीन
ताकि सरकार हो बदनाम।
मेरा नाम मिलावट राम॥
पता - ग्राम पो - झरना, बाराद्वार
जिला - जांजगीर - चांपा ( छग.)
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