नलिन श्रीवास्तव
निगाहें कातिल में हिजाब नहीं
हैं कत्ल कितने किये, हिसाब नहीं -
मेरी बस्ती में है सवाल ही सवाल,
एक चेहरा भी बा - जवाब नहीं -
आसमां लगता है, बियाबां - सा,
कोई आफतबो महताब नहीं -
जिसके किस्से में तू नहीं मैं नहीं,
क्या ऐसी कोई किताब नहीं -
जब्त है कहकहों की तम,
मुस्कराता सा भी कोई ख्वाब नहीं -
है जहन जलता हुआ आफताब सा,
पर सुबह की रौशनी का ताब नहीं -
हर कदम पर दम है बस उखड़ता सा,
सोचता हूं फिर भी इन्कलाब नहीं -
पता - वार्ड नं. - 32, ब्राम्हाणपारा, राजनांदगांव(छग)
निगाहें कातिल में हिजाब नहीं
हैं कत्ल कितने किये, हिसाब नहीं -
मेरी बस्ती में है सवाल ही सवाल,
एक चेहरा भी बा - जवाब नहीं -
आसमां लगता है, बियाबां - सा,
कोई आफतबो महताब नहीं -
जिसके किस्से में तू नहीं मैं नहीं,
क्या ऐसी कोई किताब नहीं -
जब्त है कहकहों की तम,
मुस्कराता सा भी कोई ख्वाब नहीं -
है जहन जलता हुआ आफताब सा,
पर सुबह की रौशनी का ताब नहीं -
हर कदम पर दम है बस उखड़ता सा,
सोचता हूं फिर भी इन्कलाब नहीं -
पता - वार्ड नं. - 32, ब्राम्हाणपारा, राजनांदगांव(छग)
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