नूतन प्रसाद
नूतन प्रसाद |
टेढ़ी ऊंगली से घी नही निकली तो अभिनेता ने चालाकी चली.कहा - मूर्ख, यदि डाकू रूपये उड़ा गये या आयकर की चक्की में पीस गये तो बेमौत नहीं मरोगे ! मुफत में खतरा मोल क्यों लेते हो ! रूपये इधर फेंकों ।''
डुप्लीकेट ने कहा - जनाब, खतरों से अपुन को कोई खतरा नहीं .खतरे उठाने का धंधा ही पुराना है.एक खतरा और सही....।''
इतना कह डुप्लीकेट रूपयों को पचा गया.
मजबूरी
सम्पादक ने पत्रकार से पूछा- कहो,आज का समाचार ?''
पत्रकार ने कहा - सब ठीक ठाक है. कहीं से बुरी खबर नहीं मिली''
- क्या, हत्या, डकैती कुछ भी नहीं ?''
- बिल्कुल नहीं । और तो और पाकिटमारी तक नहीं.''
- तो भी लिखो कि जहरीली शराब पीने से दो सौ लोगों की मृत्यु.बम विस्फोट से संसद भवन ध्वस्त ....।''
- लेकिन ये तो झूठे होंगे .''
- होने दो, हमें पाठकों की रूचियो का ध्यान रखना है.यदि विस्फोटक समाचार न दे तो अखबार कोई खरीदेगा ?''
पता- भंडारपुर ( करेला) पोष्ट - ढारा
व्हाया - डोंगरगढ़, जिला - राजनांदगांव (छग)
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